इंडियन इकोनॉमी को लेकर गुड न्यूज, FY25 में 6.8% की दर से ग्रोथ करेगी अर्थव्यवस्था : S&P ग्लोबल
SP Global का मानना है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8% की दर से ग्रोथ करेगी. इसका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में ‘‘मजबूत वृद्धि’’ के लिए तैयार है और महंगाई का दबाव कम होने पर आरबीआई मौद्रिक नीति में ‘‘मामूली’’ ढील दे सकता है.
SP Global on Indian Economy.
SP Global on Indian Economy.
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही में GDP ग्रोथ पर दबाव दिखा. जुलाई-सितंबर तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ सालाना आधार पर 8.1 फीसदी से घटकर 5.4 फीसदी रह गई, जो इसका करीब दो साल का निचला स्तर है. साथ ही ये अनुमान (6.5%) से कम है. हाल ही में RBI ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट बरकरार रखने का फैसला किया और कहा कि सेंट्रल बैंक ग्रोथ और इंफ्लेशन पर तालमेल बिठाकर चल रहा है. रेटिंग एजेंसी S&P की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में ‘‘मजबूत वृद्धि’’ के लिए तैयार है और महंगाई का दबाव कम होने पर आरबीआई मौद्रिक नीति में ‘‘मामूली’’ ढील दे सकता है.
FY25 के लिए ग्रोथ का अनुमान 6.8%
साख निर्धारण करने वाली S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने 2025 के लिए भारत के अपने परिदृश्य में चालू वित्त वर्ष 2024-25 के वृद्धि दर अनुमान को 6.8 फीसदी और 2025-26 के लिए 6.9 फीसदी पर कायम रखा है. S&P ग्लोबल रेटिंग्स के अर्थशास्त्री विश्रुत राणा ने कहा, ‘‘ मजबूत शहरी खपत, सेवा क्षेत्र में स्थिर वृद्धि तथा बुनियादी ढांचे में जारी निवेश के दम पर भारतीय अर्थव्यवस्था 2025 में मजबूत वृद्धि के लिए तैयार है.’’
महंगाई का दबाव कम होने पर RBI घटाएगा रेट
राणा ने कहा, ‘‘ हम उम्मीद करते हैं कि महंगाई संबंधी दबाव कम होने पर केंद्रीय बैंक 2025 के दौरान मौद्रिक नीति में मामूली ढील देगा.’’भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पिछले सप्ताह महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपा दर को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा था, हालांकि नगदी बढ़ाने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में 0.50 फीसदी की कटौती की थी. भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी.
RBI ने ग्रोथ का अनुमान घटाकर 6.6% किया
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आरबीआई ने मौजूदा स्थिति को देखते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को 7.2 फीसदी से घटाकर 6.6 फीसदी कर दिया है. RBI ने चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 फीसदी बढ़ाकर 4.8 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. अगली 3 तिमाही के लिए भी महंगाई के अनुमान को बढ़ाया गया है. Q3 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी कर दिया गया है. Q4 के लिए इसे 4.2 फीसदी से बढ़ाकर 4.50 फीसदी कर दिया गया है. FY26 की बात करें तो Q1 यानी अप्रैल-जून तिमाही के लिए महंगाई का अनुमान 4.3 फीसदी से बढ़ाकर 4.60 फीसदी किया गया.
(भाषा इनपुट के साथ)
02:43 PM IST